Tuesday 14 July 2020

जिद पर अड़े सचिन पायलट, CM गहलोत के साथ काम करने से किया साफ इनकार: सूत्र


अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शह और मात का खेल जारी है.






 















सत्रों के मुताबिक, अब तक सचिन पायलट से राहुल गांधी ने एक बार, प्रियंका गांधी ने 4 बार, चिदंबरम ने 6 बार, अहमद पटेल ने 15 बार और के सी वेणुगोपाल ने 3 बार बात की है. सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने 3 बार सचिन पायलट को फोन किया. पायलट ने जवाब नहीं दिया. प्रियंका गांधी के फोन का विधायक भंवरलाल शर्मा जवाब देते हैं. सचिन पायलट अपने रुख पर कायम हैं.  केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे पायलट और गहलोत के बीच जारी विरोध को संवाद से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि पायलट समर्थित विधायक आज भी बैठक से दूरी बनाए हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट बैठक में नहीं आएंगे. आज पायलट के बैठक में नहीं आने पर पार्टी अहम निर्णय ले सकती है. सचिन पायलट से बात करने की कोशिशें भी लगातार जारी हैं.







आरपार की लड़ाई शुरू 






सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच वीडियो वार भी शुरू हो गया है. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक मानेसर के होटल में ठहरे हुए हैं. सचिन पायलट गुट ने कल शाम एक वीडियो भी जारी किया था. सचिन पायलट के साथ 11 विधायक हैं जो वीडियो में नजर आए. इनमें विश्वेंद्र सिंह, हरीश मीणा, जीआर खटाणा, सुरेश मोदी, इंद्राज गुर्जर, राकेश पारीक, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, वेद प्रकाश सोलंकी, बृजेंद्र ओला और दीपेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं. 


सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट गुट 13 निर्दलीय विधायकों से भी संपर्क में हैं. हालांकि 13 में से 3 को पहले ही अशोक गहलोत ने निकाल दिया है. इसके साथ-साथ यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष, NSUI के अध्यक्ष और प्रदेश सेवा दल के अध्यक्ष सब गहलोत से नाराज हैं और राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में नहीं हैं.








<no title>जिद पर अड़े सचिन पायलट, CM गहलोत के साथ काम करने से किया साफ इनकार: सूत्र


जिद पर अड़े सचिन पायलट, CM गहलोत के साथ काम करने से किया साफ इनकार: सूत्र















सत्रों के मुताबिक, अब तक सचिन पायलट से राहुल गांधी ने एक बार, प्रियंका गांधी ने 4 बार, चिदंबरम ने 6 बार, अहमद पटेल ने 15 बार और के सी वेणुगोपाल ने 3 बार बात की है. सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने 3 बार सचिन पायलट को फोन किया. पायलट ने जवाब नहीं दिया. प्रियंका गांधी के फोन का विधायक भंवरलाल शर्मा जवाब देते हैं. सचिन पायलट अपने रुख पर कायम हैं. 


केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे पायलट और गहलोत के बीच जारी विरोध को संवाद से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि पायलट समर्थित विधायक आज भी बैठक से दूरी बनाए हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट बैठक में नहीं आएंगे. आज पायलट के बैठक में नहीं आने पर पार्टी अहम निर्णय ले सकती है. सचिन पायलट से बात करने की कोशिशें भी लगातार जारी हैं.


आरपार की लड़ाई शुरू 



सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच वीडियो वार भी शुरू हो गया है. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक मानेसर के होटल में ठहरे हुए हैं. सचिन पायलट गुट ने कल शाम एक वीडियो भी जारी किया था. सचिन पायलट के साथ 11 विधायक हैं जो वीडियो में नजर आए. इनमें विश्वेंद्र सिंह, हरीश मीणा, जीआर खटाणा, सुरेश मोदी, इंद्राज गुर्जर, राकेश पारीक, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, वेद प्रकाश सोलंकी, बृजेंद्र ओला और दीपेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं. 


सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट गुट 13 निर्दलीय विधायकों से भी संपर्क में हैं. हालांकि 13 में से 3 को पहले ही अशोक गहलोत ने निकाल दिया है. इसके साथ-साथ यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष, NSUI के अध्यक्ष और प्रदेश सेवा दल के अध्यक्ष सब गहलोत से नाराज हैं और राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में नहीं हैं.








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Friday 3 July 2020

कानपुर एनकाउंटर: दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत



  • पुलिस ने गुरुवार रात बिठूर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में दबिश देने गई थी, तभी हमला हुआ

  • बिठूर थाना प्रभारी समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी, रीजेंसी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा


कानपुर. उत्तरप्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस चौबेपुर थाना इलाके के एक गांव में हिस्ट्री शीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी, लेकिन उसकी गैंग ने पुलिस पर घात लगाकर छत से हमला किया और विकास दुबे फरार हो गया। बदमाश पुलिस के कई हथियार भी लूट ले गए। उधर, पुलिस ने बताया कि घटना के बाद एनकाउंटर में विकास दुबे के 3 साथियों को मार गिराया गया है।


डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव गई थी। पुलिस को रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी वगैरह से रास्ता रोक रखा था। अचानक छत से फायरिंग शुरू कर दी गई। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने यूपी के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं।


ये पुलिसकर्मी मारे गए 



बिल्हौर के सीओ देवेंद्र कुमार, शिवराजपुर के थाना प्रभारी महेश चंद्र यादव व सब इंस्पेक्टर नेबू लाल और मंधना के चौकी इंचार्ज अनुप कुमार, कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, कॉन्स्टेबल राहुल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल बबलू की मौत हो गई है। इसके अलावा बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। इनका इलाज रीजेंसी हॉस्पिटल में चल रहा है।


कड़ी कार्रवाई होगी


एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि 7 लोग घायल हैं, इसमें से 5 पुलिसकर्मी हैं। पुलिस के हथियार गायब हैं, इसकी जांच चल रही है कि किसके पास कौन से हथियार थे। जो भी लोग इस घृणित कार्य में लिप्त थे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें ढूंढकर कानून के सामने पेश किया जाएगा। हमने इसमें स्पेशलिस्ट टीमों को लगाया है।


कौन है विकास दुबे?



विकास उत्तरप्रदेश का कुख्यात बदमाश है। एसटीएफ ने विकास दुबे को 31 अक्टूबर 2017 को लखनऊ के कृष्णानगर क्षेत्र से विकास को गिरफ्तार किया था। कानपुर पुलिस ने उसके खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। वह कुछ दिन पहले जेल से बाहर आया था।



विकास ने 2001 में थाने में घुसकर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। वह थाने में घुसकर पुलिसकर्मी समेत कई लोगों की हत्या कर चुका है। विकास पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है।


बदमाशों ने पुलिस को रोकने के लिए सड़क पर जेसीबी खड़ी की थी



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विकास को पुलिस के आने की खबर पहले ही मिल चुकी थी। इसलिए उसने अपने घर से कुछ दूर रास्ते में जेसीबी मशीन खड़ी कर दी थी। ताकि पुलिस को रोका जा सके। पुलिस की कार्रवाई के पहले ही अपराधियों ने गोलियां चला दीं। बदमाशों ने पुलिस को चारों ओर से घेर लिया था। पुलिस को ऐसे हमले की उम्मीद नहीं थी। 


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15 अगस्त को लॉन्च हो सकती है कोरोना की देसी वैक्सीन COVAXIN


 





15 अगस्त को लॉन्च हो सकती है ,कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN)  इस वैक्सीन को फार्मास्यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है.


 








  • भारत बायोटेक बना रहा COVAXIN

  • 7 जुलाई के बाद शुरू होगा ह्यूमन ट्रायल

  • ट्रायल सफल होने पर लॉन्च की जाएगी वैक्सीन


कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक अच्छी खबर आ रही है.15 अगस्त को कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) लॉन्च हो सकती है. इस वैक्सीन को फार्मास्यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है. भारत बायोटेक और आईसीएमआर की तरफ से वैक्सीन लॉन्चिंग संभव है.


हाल ही में कोवैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल की इजाजत मिली है. आईसीएमआर की ओर से जारी लेटर के मुताबिक, 7 जुलाई से ह्यूमन ट्रायल के लिए इनरोलमेंट शुरू हो जाएगा. इसके बाद अगर सभी ट्रायल सही हुए थे तो आशा है कि 15 अगस्त तक कोवैक्सीन को लॉन्च किया जा सकता है. सबसे पहले भारत बायोटेक की वैक्सीन मार्केट में आ सकती है.


इस लेटर को आईसीएमआर और सभी स्टेकहोल्डर (जिसमें एम्स के डॉक्टर भी शामिल हैं) ने जारी किया है. उनका कहना है कि अगर ट्रायल हर चरण में सफल हुआ तो 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन मार्केट में आ सकती है. आईसीएमआर की ओर से फिलहाल यह अनुमान लगाया गया है.


गौरतलब है कि बीते दिनों ही हैदराबाद की फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने दावा किया था कि उसे कोवैक्सीन के फेज-1 और फेज-2 के ह्यूमन ट्रायल के लिए डीसीजीआई से हरी झंडी भी मिल गई है. कंपनी ने यह भी कहा है कि ट्रायल का काम जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू किया जाएगा. भारत बायोटेक का वैक्सीन बनाने में पुराना अनुभव है.


भारत बायोटेक कंपनी ने पोलियो, रेबीज, रोटावायरस, जापानी इनसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया और जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है. ह्यूमन ट्रायल के लिए इनरोलमेंट की शुरूआत 7 जुलाई से हो सकती है. इसके बाद चरणवार ट्रायल किया जाएगा. अगल ट्रायल सफल हुआ तो 15 अगस्त को वैक्सीन लॉन्च कर दी जाएगी.



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