Friday 19 June 2020

LAC पर चीनी सैनिकों से लोहा लेने वाले 76 जांबाज अस्पताल में भर्ती, सभी फिट होकर जल्द ड्यूटी पर लौटेंगे








 भारत औऱ चीन के सैनिकों के बीच 15 जून की रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 76 जवान घायल हुए हैं. घायलों में किसी भी जवान की हालत गंभीर नहीं है. लेह के अस्पताल में 18 सैनिक भर्ती हैं, 15 दिन में सैनिक काम पर वापस लौटने की हालत में होंगे. अन्य अस्पतालों में 58 सैनिक हैं, उन्हें हल्की चोट हैं. सभी घायल जवान दो हफ्ते के भीतर ड्यूटी ज्वॉइन कर लेंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई ने ये खबर दी है. सेना पहले ही बता चुकी है कि गंभीर रूप से घायल चार सैनिकों पर से भी खतरा टल गया है और उनकी भी हालत स्थिर है. इससे पहले भारतीय सेना ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शामिल कोई भी भारतीय सैनिक लापता नहीं है. गलवन घाटी में सोमवार की रात भारत व चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. ऐसी खबरें थीं कि झड़प के बाद सोमवार रात से 10 भारतीय सैनिक लापता थे. भारतीय सेना ने गलवन घाटी में हुई खूनी झड़प में अपने शहीद और घायल हुए सैनिकों की वास्तविक संख्या बता दी है, लेकिन चीन ने सिर्फ यह स्वीकार किया है कि उसे भी नुकसान उठाना पड़ा है. चीन ने न तो अपने मारे गए सैनिकों की और न ही घायल सैनिकों की संख्या बता रहा है जबकि घटना के चार दिन बीत गए हैं.







मेजर जनरल-स्तरीय वार्ता जारी







तनाव को कम करने के लिए चीन और भारत के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता लगातार जारी है। गुरुवार को भी भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारियों के बीच लगभग छह घंटे तक बैठक हुई। 15-16 जून की रात को पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने के बाद वार्ता को रद्द कर दिया गया। बुधवार को भी इसी तरह की बातचीत हुई थी लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल सका.









विदेश मंत्री ने चीन को लताड़ा







विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि गलवान में जो कुछ भी हुआ, उसे चीन ने सोच-समझकर अंजाम दिया, यह कोई आकस्मिक घटना नहीं थी. जयशंकर ने स्पष्ट कहा, 'चीन ने पूरी तरह सोच-समझकर और योजनाबद्ध तीरके से कार्रवाई की जिससे हिंसा हुई और दोनों ओर के सैनिक शहीद हुए. इससे साफ होता है कि चीन यथास्थिति में परिवर्तन नहीं करने को लेकर हमारे बीच बनी सभी सहमतियों का उल्लंघन कर जमीनी हकीकत बदलने का इरादा रखता है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि उस समय जवानों के पास हथियार थे, मगर उन्होंने चीनी सैनिकों पर गोली नहीं चलाई.








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