Thursday 9 April 2020

कोरोनावायरस (Coronavirus) के खतरे को बढ़ते हुए देख केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना से लड़ने के लिए राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार के साथ आ गई हैं.



कोरोनावायरस : केंद्र सरकार ने बनाई चार साल की योजना, मार्च 2024 तक राज्यों के लिए खास पैकेज









नई दिल्ली: 

कोरोनावायरस (Coronavirus) के खतरे को बढ़ते हुए देख केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना से लड़ने के लिए राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार के साथ आ गई हैं.  केंद्र सरकार राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधन बेहतर करने के मद्देनज़र खास पैकेज दे रही है. केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए एक खास पैकेज को मंजूरी दी. ये पैकेज 'इंडिया COVID-19 इमरजेंसी रिस्पांस हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस' को लेकर है. जनवरी 2020 से मार्च 2024 तक इस प्रोजेक्ट को तीन चरणों में बांटा गया है. इसके दौरान केंद्र राज्यों को पैसा देगी. पहले फेज के तहत जनवरी 2020 से जून 2020, दूसरे फेज में जुलाई 2020 से मार्च 2021 और तीसरे फेज में अप्रैल 2021 से मार्च 2024 तक राज्यों को पैकेज रिलीज किए जाएंगे. पहले फेज को लेकर पैसा भेज दिया गया. इन पैसों को उपयोग Covid-19 हॉस्पिटल, आइसोलेशन वार्ड, आईसीयू, वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन सप्लाई, लैब, पीपीई, मास्क, हेल्थ वर्कर की नियुक्ति जैसी चीजों में खर्च किया जा सकेगा बता दें कि कोरोना वायरस के कारण देश में मरने वाले लोगों की संख्या 166 पर पहुंच गई है और संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 5,734 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब भी 5,095 लोग संक्रमित हैं जबकि 472 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है तथा एक व्यक्ति देश छोड़कर चला गया है. मंत्रालय ने बताया कि देशभर में पिछले 24 घंटे में 17 और लोगों की मौत हुई है. 








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ग्रहको के लिए खुशखबरी 15 बैंको  द्वारा  EMI पर राहत 


कोरोनाग्रस्त इकॉनमी में लोगों की परेशानियों को समझते हुए मार्च के आखिर में RBI ने EMI पर 3 महीने के मोराटोरियम की बात कही थी। इसे बैंकों ने देना शुरू कर दिया। ग्राहकों में इसे लेकर कई तरह के कन्फ्यूजन हैं। सबसे बड़ा कन्फ्यूजन यह है कि बैंक किस तरह से राहत दे रहे हैं।


आप EMI पर राहत लेना चाहते हैं? जगह-जगह से आपको अलग तरह की जानकारियां कन्फ्यूज कर रही हैं? आइए यहां जानते हैं कि आपका बैंक EMI पर राहत कैसे दे रहा है यानी आपको EMI रुकवानी हो या न रुकवानी हो, आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आपने जिस बैंक से लोन लिया है उसने क्या व्यवस्था की है। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप EMI रोकना नहीं चाहते लेकिन वह तो खुद ही रुक गई!



  • EMI पर SBI की व्यवस्था



SBI के ग्राहकों की EMI उनके कहने पर रोकी जाएगी। अगर आप चाहते हैं कि आपकी EMI रोकी जाए तो आपको बैंक से ऐसा करने के लिए कहना होगा। SBI में एमडी सीएस शेट्टी ने कहा, 'मोराटोरियम की सुविधा हर लोनधारक के लिए मौजूद है, यह ग्राहक को तय करना है कि उसे EMI रोकने की कितनी जरूरत है।' लोन की ईएमआई रोकने के लिए बैंक को ईमेल भेजना होगा।



  • IDBI बैंक



यहां भी है डिफॉल्ट व्यवस्था। यानी बैंक ने मोराटोरियम की डिफॉल्ट सेटिंग कर दी है। आप अगर ईएमआई कटना जारी रखना चाहते हैं तो आपको moratorium@idbi.co.in पर ईमेल भेजना होगा।



  • ICICI बैंक



बैंक अपने ग्राहकों को टूवीलर, बिजनस, फार्म और जूलरी लोन के मामले में डिफॉल्ट EMI रोक की सुविधा दे रहा है। अन्‍य लोन्स में ग्राहकों के कहने पर ऐसा किया जाएगा। विकल्‍पों को देख हुए बैंक की वेबसाइट पर जाएं और जानकारी लेते हुए SMS या ईमेल भेजें।



  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया



बैंक के ग्राहकों की EMI अपने आप रोकी जाएगी ईएमआई जारी रखने के लिए बैंक से संपर्क करना होगा।



  • कैनरा बैंक



कैनरा बैंक की व्यवल्था के मुताबिक, ग्राहक के कहने पर EMI रोकी जाएगी। इस बैंक के ग्राहक बैंक को SMS कर सकते हैं। उन्हें 8422004008 पर 'नो' लिखकर भेजना होगा। इसके अलावा, retailbankingwing@canarabank.com पर मेल किया जा सकता है।



  • IDFC फर्स्ट बैंक


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इस बैंक ने दो तरह के ऑप्शन रखे हैं। डूवीलर, बिजनस, जूलरी आदि लोन की EMI अपने आप रोक दी गई है, लेकिन अन्य लोन्स की EMI पर रोक के लिए ग्राहक को बैंक से संपर्क करना होगा। इसके बैंक की वेबसाइट पर जाकर ऑप्शन चुन सकते हैं। आप SMS या ईमेल के जरिए अपना चुनाव बैंक को बता सकते हैं।



  • बैंक ऑफ बड़ौदा



बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहकों की EMI खुद ब खुद रोक दी जाएगी। लेकिन ECS/NACH/स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन से अगर मैन्डेट दिया गया है तो बैंक उसका सम्मान करेगा। EMI जारी रखे जाने के लिए बैंक को ईमेल या लेट भेजकर बताना होगा।



  • फेडरल बैंक


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इस बैंक ने अलग-अलग शर्तें रखी हैं। मसलन 5 करोड़ रुपये तक के बिजनस लोन, एग्रीकल्चर लोन, माइक्रोलेंडिंग और गोल्ड लोन की EMI अपने आप ही रुक जाएगी। इससे ज्यादा के लोन के मामले में ग्राहकों की मांग के आधार पर फैसला होगा। एग्रीकल्चर लोन, माइक्रोलेंडिंग और गोल्ड लोन के पेमेट जारी रखने के लिए option@federalbank.co.in पर ईमेल भेजना होगा और रिटेल लोन के ग्राहक ईएमआई जारी रखने के लिए option@federalbank.co.in पर ईमेल भेज सकते हैं।



  • HDFC बैंक



इस बैंक के ग्राहकों के कहने पर ही EMI रोकी जाएगी। EMI को रोकने के लिए ग्राहकों को 022-50042333 या 022-50042211 पर कॉल करना होगा। इसके अलावा, बैंक की वेबसाइट पर भी अपनी रिक्वेस्ट दाखिल कर सकते हैं।



  • कोटक महिंद्रा बैंक



इस बैंक के ग्राहकों के कहने पर ही EMI रोकी जाएगी। रोकनी हो तो pay.later@kotak.comto पर जाकर रिक्वेस्ट दाखिल की जा सकती है।



  • बजाज फिनसर्व



बजाज फिनसर्व के ग्राहकों के कहने पर ही EMI रोकी जाएगी। wecare@bajajfinserv.into पर ईमेल कर इसके लोनधारक EMI रुकवा सकते हैं।



  • PNB हाउसिंग



इस बैंक के ग्राहकों के कहने पर ही EMI रोकी जाएगी। बैंक की वेबसाइट पर जाकर, 56161 पर SMS, ईमेल और 8743950000 के जरिये ग्राहक EMI पर रोक की सुविधा ले सकते हैं।



  • HSBC बैंक



इस बैंक के ग्राहकों के कहने पर ही EMI रोकी जाएगी। ईएमआई रोकने के लिए https://www.hsbc.co.in/help/coronavirus/ पर जाकर अप्लाई किया जा सकता है।



  • ऐक्सिस बैंक


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इस बैंक के ग्राहकों के लिए EMI पर रोक की कई शर्तें हैं। गोल्‍ड, किसान क्रेडिट कार्ड, किसान, माइक्रोफाइनैंस, कमोडिटी, ट्रैक्‍टर, कमर्शल वीइकल, बिजनस, टर्म लोन आदि की EMI अपने आप रुक जाएगी। लेकिन अन्य लोन्स पर ग्राहक को मांग करनी होगी। बैंक की वेबसाइट पर जाकर सब समझें और उसी के हिसाब से SMS या ईमेल करें।



  • बैंक ऑफ इंडिया



बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों की EMI अपने आप रोक दी जाएगी। अगर ग्राहक EMI को जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें बैंक ब्रांच से संपर्क करना होगा।


 


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Wednesday 8 April 2020

सुप्रीम कोर्ट  ने सुनाया बड़ा फैसला सरकारी या प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में होगी।


नई दिल्ली
देश में कोरोना वायरस महामारी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने आदेश दिया कि मान्यताप्राप्त सरकारी या प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में होगी। इसके लिए अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह मान्यताप्राप्त सभी लैबों को मुफ्त में कोरोना जांच करने का निर्देश दे। कोरोना वायरस की जांच से जुड़ी एक याचिका पर अंतरिम आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 2 हफ्ते में हलफनामा दायर करने को कहा है।


 






  • कोरोना वायरस की जांच के लिए अब लोगों को नहीं देने होंगे पैसे, सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश

  • मुफ्त जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया अंतरिम आदेश, केंद्र को जरूरी निर्देश देने को कहा

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NABL, WHO या ICMR से अप्रूव्ड लैब ही करें कोरोना वायरस की जांच

  • अभी कोरोना वायरस की जांच के लिए ICMR ने अधिकतम 4,500 रुपये तय की थी कीमत





  • NABL, WHO या ICMR से अप्रूव्ड लैब ही करें जांच: SC


सुप्रीम कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि कोरोना वायरस की जांच सिर्फ वहीं लैब करें तो NABL यानी National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories से मान्यता प्राप्त लैबों या विश्व स्वास्थ्य संगठन या ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) से मंजूरी प्राप्त किसी एजेंसी के जरिए होनी चाहिए।



  • याचिका में कोरोना वायरस की जांचको मुफ्त में करनी की हुई थी मांग



सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में निजी संस्थाओं द्वारा कोरोना परीक्षण के लिए अधिकतम 4,500 रुपये तय करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की सलाह को चुनौती दी गई थी। याचिका में यह भी निर्देश देने की मांग की गई थी कि ऐसे सभी परीक्षण मान्यता प्राप्त पैथोलॉजिकल लैबों द्वारा किए जाएं। मुफ्त में टेस्ट का सुझाव देते हुए, याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि प्राइवेट लैबों के टेस्टिंग फीस पर पर्दा डालना संविधान के आदर्शों और मूल्यों का उल्लंघन करता है।



  • लोगों से टेस्ट के पैसे नहीं लिए जा सकते: SC


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब लोगों को कोरोना टेस्ट के लिए पैसे नहीं लगेंगे। अभी तक सरकार ने 4500 रुपये रेट तय कर रखा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. रवींद्र भट्ट की बेंच ने कहा कि लोगों से इस टेस्ट के लिए पैसे नहीं लिए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट लैब द्वारा लिए गए टेस्ट से संबंधित पैसे कैसे वापस होंगे, इस मसले पर बाद में विचार होगा।


कोर्ट ने कहा कि दुनिया भर के देशों में कोरोना वायरस से जो लोग पीड़ित हैं उनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार भारत में लगातार इसके रोकथाम का प्रयास कर रही है लेकिन संख्या में बढ़ोतरी जारी है। ऐसी आपदा की स्थिति में लोगों से पैसा नहीं लिया जाना चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्राइवेट लैब को कोरोना से संबंधित जांच के लिए पैसे लेने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।



 

यूपी कोरोना सीलिंग: पूरा जिला नहीं, हॉटस्पॉट होंगे सीलकोरोना वायरस के चलते यूपी के 15 जिलों को सील किए जाने की खबर आई तो कई जगहों पर लोग मार्केट की ओर दौड़ पड़े और दुकानों पर लंबी लाइन लग गई। लेकिन सरकार ने साफ किया है कि पूरे जिले को नहीं, बल्कि सिर्फ हॉटस्पॉट्स को सील किया जाएगा। देखिए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने क्या बताया।

 


  • दिन में सुनवाई के बाद शाम को आया फैसला



सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. रवींद्र भट्ट की बेंच ने सुझाव में कहा था कि सरकार ऐसा मैकेनिजम बनाए जिससे कि प्राइवेट लैब कोरोना टेस्ट के लिए मनमाना रकम न वसूले और सरकार को चाहिए कि वह प्राइवेट लैब द्वारा ली गई रकम वापस करे। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह निर्देश लेकर आएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में आदेश पारित करेंगे और फिर देर शाम सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित कर कहा है कि कोरोना टेस्ट फ्री में होगा।



  • जांच के लिए पैसे लिए जाएंगे तो लोग इससे बचेंगे: SC



सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में पिछली सुनवाई में जवाब दाखिल करने को कहा था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अर्जी में कहा गया है कि देश भर में लॉकडाउन की स्थिति है ऐसे में लोगों के सामने पैसे की किल्लत है और ऐसे में कोरोनों की जांच के लिए ली जाने वाली रकम के कारण लोग टेस्ट कराने से बचेंगे और फिर इस कारण कोरोना वायरस की महामारी और ज्यादा बढ़ सकती है ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह कोरोना टेस्ट फ्री में कराए।


 

Covid-19: स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया- अब तक 5,194 कोरोना पॉज़िटिव मामले आए सामने, 402 मरीज अब स्वस्थस्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मीडिया को देश में कोरोना वायरस मामलों की संख्या और स्वस्थ हुए मरीजों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या 5,194 है और अब तक 402 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। देश में अब तक कोरोना वायरस से कुल 149 मौतें हुई हैं और पिछले 24 घंटों में लगभग 32 लोगों की मृत्यु हो गई है।

 


  • केंद्र को 2 हफ्ते में हलफनामा दायर करने के निर्देश




सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश भर में 118 लैब हैं और 15 हजार टेस्ट हो रहे हैं। अभी सरकार को नहीं पता कि कतने लैब की जरूरत और पड़ सकती है और लॉकडाउन की मियाद क्या होगी। तब सुप्रीम कोर्ट ने सुझाया कि ये तय होना चाहिए कि प्राइवेट लैब कोरोना टेस्ट के लिए अपनी मनमानी वाली रकम न वसूलें।



  • 21 मार्च को केंद्र ने तय किए थे कोरोना टेस्ट के रेट



दरअसल केंद्र सरकार ने 21 मार्च को निजी प्रयोगशालाओं को प्रत्येक Covid-19   जांच के लिए अधिकतम मूल्य 4,500 रुपये तक रखने की सिफारिश की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 21 मार्च की रात को इसका नोटिफिकेश जारी किया गया था। जारी गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए अधिकतम 4,500 रुपये तक ही वसूले जा सकते थे। इसके तहत, किसी संदिग्ध मरीज की स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए 1,500 रुपये से ज्यादा नहीं लिया जा सकता था। अगर स्क्रीनिंग टेस्ट में रिजल्ट पॉजिटिव आए और उसकी पुष्टि के लिए फिर से जांच करनी हो तो इसके लिए 3,000 हजार रुपये लिए जा सकते थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि दिशानिर्देश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में लॉकडाउन बढ़ने के संकेत






कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर पीएम मोदी ने राजनीतिक पार्टियों के फ्लोर लीडर्स के साथ बातचीत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में लॉकडाउन बढ़ने के संकेत दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी लड़ाई है.








  • बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन बढ़ाने के दिए संकेत

  • कोरोना के कारण 14 अप्रैल तक देश है लॉकडाउन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में लॉकडाउन बढ़ने के संकेत दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी लड़ाई है. सभी की जिंदगी बचाना सरकारी की प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में स्थिति 'सामाजिक आपातकाल' के समान है. इसके लिए कड़े फैसलों की जरूरत है और हमें निरंतर सतर्क रहना चाहिए.साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं एक बार फिर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करूंगा.


कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर पीएम मोदी ने आज राजनीतिक पार्टियों के फ्लोर लीडर्स के साथ बातचीत की.


वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पीएम मोदी ने बीजेपी, कांग्रेस, डीएमके, एआईएडीएमके, टीआरएस, सीपीआईएम, टीएमसी, शिवसेना, एनसीपी, अकाली दल, एलजेपी, जेडीयू, एसपी, बीएसपी, वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी के फ्लोर लीडर्स के साथ कोरोना और लॉकडाउन पर चर्चा की.


बैठक में पीएम मोदी ने क्या कहा


बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन के विस्तार का सुझाव दिया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बदलती परिस्थितियों में देश को एक साथ अपनी कार्य संस्कृति और कार्यशैली में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हरेक के जीवन को बचाना है. कोरोना वायरस के कारण हम गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और सरकार इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है.80 फीसदी राजनीतिक पार्टियां लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें राज्यों से इसी तरह की मांग मिल रही है और वह उचित समय में हितधारकों के साथ चर्चा करके निर्णय लेंगे.


सभी राज्यों के सीएम से पीएम फिर करेंगे बात


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उनसे सलाह लेकर लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के निर्णय पर आखिरी फैसला ले सकते हैं. ये वीडियो कॉल कॉन्फ्रेंसिंग सुबह 11 बजे 11 अप्रैल को होगी. मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में लॉकडाउन की समीक्षा होगी. सरकार की जरूरतमंदों को दी जाने वाली सहायता राशि और राशन की समीक्षा होगी और लॉकडाउन आगे बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है. पहले ही कई राज्य लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की गुजारिश प्रधानमंत्री मोदी से कर चुके हैं.



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योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के हॉट स्पॉट इलाकों को पूरी तरह सील करने के आदेश दिए




कोरोना: योगी सरकार का बड़ा फैसला, UP के 15 जिलों के हॉट स्पॉट होंगे सील









 























उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़त कहर को देखते हुए योगी सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के हॉट स्पॉट इलाकों को 13 अप्रैल तक पूरी तरह सील करने के आदेश दिए हैं। आज रात 12 बजे के बाद लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, सीतापुर, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, बस्ती, सहारनपुर और महाराजगंज के जिन इलाकों में कोरोना का मरीज पाए गए हैं वो सील कर दिए जाएंगे।


उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इन जिलों के हॉटस्पॉट इलाकों को 13 अप्रैल तक पूरी तरह से सील किया जाएगा। 13 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा की जाएगी, उसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। इन 15 जगहों पर कोई भी दुकान नहीं खुलेंगी और जरूरी सामानों की होम डिलिवरी होगी। सिर्फ कर्फ्यू पास वालों को आने-जाने की इजाजत होगी।



  • इन 15 जिलों में कितने हैं हॉट स्पॉट्स


आगरा में 22, गाजियाबाद में 13, लखनऊ, कानपुर और नोएडा में 12, वाराणसी, महाराजगंज और सहारनपुर में 4, बस्ती, बुलंदशहर, फिरोजाबाद और शामली में 3, सीतापुर में 1 हॉट स्पॉट चिह्नित किए गए हैं जो 14 अप्रैल तक सील रहेंगे।



  • उत्तर प्रदेश में कोरोना से चौथी मौत



उत्तर प्रदेश में बुधवार को कोरोना से चौथी मौत हुई। आगरा के एसएनएमसी अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मनोरमा देवी (76 साल) ने दम तोड़ दिया है। महिला मरीज एक दिन पहले ही रेस्क्यू होकर अस्पताल आई थी। मृतक महिला अस्थमा की मरीज थी।



  • यूपी में 350 हुई कोरोना मरीजों की संख्या



बुधवार को उत्तर प्रदेश में केवल दो मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। यह दोनों मरीज आगरा के हैं। इसी के साथ प्रदेश में अब तक 350 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। इसमें अकेले तबलीगी जमात के 193 लोग शामिल हैं।



  • नोएडा और आगरा में 50 से ज्यादा कोरोना के मरीज


आज के दो नए मरीजों को मिलाकर आगरा में 67 कोरोना पॉजिटिव मरीज हो गए है। इसके अलावा नोएडा में 58; मेरठ में 35; लखनऊ में 24; गाजियाबाद में 23; शामली में 17; सहारनपुर में 14;  बस्ती में 11; कानपुर, बुलंदशहर और सीतापुर में 8-8; फिरोजाबाद और वाराणसी में 7-7; बरेली और महाराजगंज में 6-6; गाजीपुर में 5; लखीमपुरखीरी, आजमगढ़ और हाथरस में 4-4; जौनपुर, हापुड़, बागपत और प्रतापगढ़ में 3-3; पीलीभीत, मिर्जापुर, मथुरा, बांदा और मुरादाबाद में 2-2; औरैया, रायबरेली, बाराबंकी, प्रयागराज, बिजनौर, शाहजहांपुर, बदायूं, हरदोई और कौशांबी में 1-1 मरीज हैं। अभी तक 27 मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं। इसमें आगरा के आठ, नोएडा के 10, लखनऊ के पांच, गाजियाबाद के तीन और कानपुर का एक मरीज शामिल है।














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