Saturday 7 September 2019

चंद्रयान-२ चांद की सतह छूने से जरा सा चूक गया


नयी दिल्लीः भारत के चंद्रयान-२ मिशन चांद की सतह छूने से जरा सा अंतर चूक गया. लेकिन वैज्ञानिकों का हौसला नहीं डगमगाया. अगर चंद्रयान२ चांद की सतह पर उतरता तो वह ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाता. दुनिया के सिर्फ तीन और देशों को ही ये सफलता मिली है. भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन ने चांद पर अपने यान भेजे हैं. हालांकि भारत चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश होता. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के तथ्यों के मुताबिक पिछले छह दशक में शुरू किए गए चंद्र मिशन में सफलता का अनुपात ६० प्रतिशत रहा है. नासा के मुताबिक इस दौरान १०९ चंद्र मिशन शुरू किए गए, जिसमें ६१ सफल हुए और ४८ असफल रहे. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा चंद्रमा की तहत पर चंद्रयान-२ के विक्रम लैंडर को उतराने का अभियान शनिवार को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो सका. विक्रम लैंडर का अंतिम क्षणों में जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. इसरो के अधिकारियों के मुताबिक चंद्रयान-२ का ऑर्बिटर पूरी तरह सुरक्षित और सही है. इस साल इजराइल ने भी फरवरी २०१८ में चंद्र मिशन शुरू किया था, लेकिन यह अप्रैल में नष्ट हो गया. वर्ष १९५८ से २०१९ तक भारत के साथ ही अमेरिका, यूएसएसआर (रूस), जापान, यूरोपीय संघ, चीन और इजराइल ने विभिन्न चंद्र अभियानों को शुरू किया. पहले चंद्र अभियान की योजना अमेरिका ने १७ अगस्त, १९५८ में बनाई, लेकिन पाइनियर • का लॉन्च असफल रहा. पहला सफल चंद्र अभियान चार जनवरी १९५९ में यूएसएसआर का लूना १ था. यह सफलता छठे चंद्र मिशन में मिली. एक साल से थोड़े अधिक समय के भीतर अगस्त १९५८ से नवंबर १९५९ के दौरान अमेरिका और यूएसएसआर ने १४ अभियान शुरू किए. इनमें से सिर्फ तीन जिसमें लूना १, लूना २ और लूना ३ - सफल हुए. ये सभी यूएसएसआर ने शुरू किए थे. इसके बाद जुलाई १९६४ में अमेरिका ने रेंजर ७ मिशन शुरू किया, जिसने पहली बार चंद्रमा की नजदीक से फोटो ली. रूस द्वारा जनवरी १९६६ में शुरू किए गए लूना ९ मिशन ने पहली बार चंद्रमा की सतह को छुआ और इसके साथ ही पहली बार चंद्रमा की सतह से तस्वीर मिली. पांच महीने बाद मई १९६६ में अमेरिका ने सफलतापूर्वक ऐसे ही एक मिशन सर्वेयर-१ को अंजाम दिया. अपोलो ११ अभियान एक लैंडमार्क मिशन था, जिसके जरिए इंसान के पहले कदम चांद पर पड़े. तीन सदस्यों वाले इस अभियान दल की अगुवाई नील आर्मस्ट्रांग ने की थी. वर्ष १९५८ से १९७९ तक केवल अमेरिका और यूएसएसआर ने ही चंद्र मिशन शुरू किए. इन २१ वर्षों में दोनों देशों ने ९० अभियान शुरू किए. इसके बाद जपान, यूरोपीय संघ, चीन, भारत और इस्राइल ने भी इस क्षेत्र में कदम रखा.