Saturday 3 August 2019

जिम्मेदार कौन ?

जब समरस्ता व समन्वय का अभाव नौकरशाही में आम बात है। किन्तु जब यह संविधान और कानून ही इसके गैर जिम्मेदाराना कारणों से प्रदूषण की गिरफ्त में आ जाये तो प्रगति, विकास, उल्टे पैर विपरीत दिशा में चलने लगते है यही हो रहा है देश में। आपको इस लेख में एक चित्र नजर आ रहा  होगा


 



जो गंदगी, प्रदूषण व अतिक्रमण दिखा रहा होगा। लेकिन इसको और गहराई से देखा जाये तो यह नगर आयुक्त, केडीए वी0सी0, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान के कर्मों का फल है जो सड़ रहा है और शहर को सुगम व व्यवस्थित बनाने के लिए कर्मयोगी समन्वय की आस मे अभावों से जूझता शहर प्रदूषण व गंदगी से बीमार हो चला है। यह वह जगह है जहां गंदगी व प्रदूषण फैला है - एशिया की सबसे महंगी योजना कैनाल पटरी की पार्किग है। इसी गंदगी के ऊपर दिन में 70 रू0 प्रति घंटा की दर से पार्किग में सरकारी वसूली होती है वह भी बिना पर्ची के। बिना पर्ची के वसूला गया धन किसके खाते में जमा होता है यह किसी को नही पता लेकिन यह जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी है कि राजस्व का नुकसान हो रहा है लेकिन कलेक्ट्रेट के चश्मे का नम्बर ऐसी दुर्घटना को देख नही पाता है। यहां पार्किग में गंदगी कौन फैलाता किसी को पता नही। थाना हरबंश मोहाल मौन ! शहर के कप्तान साहब को पता नहीं। अब आते है  जिम्मेदार कौन ? जिम्मेदार जिम्मेदार कौन ? जिम्मेदार कौन ? कौन जिम्मेदार कौन ? नगर आयुक्त महोदय की जिम्मेदारी पर तो महोदय - आपका तो स्वास्थ्य महकमा है किंतु आप भी मौन है, केडीए वी0सी0 को तो शहर लगता ही नही है। यह पार्किग केडीए की है जो कैनाल पटरी पर है और इस पार्किग से बिना पर्ची के वूसली आपका विभाग कर रहा है। फिर भी आप मौन है। तो कौन फरिश्ता आयेगा ? जो इस दुर्घटना, गंदगी, राजस्व हानि की जिम्मेदारी लेगा। हमे लगता है कि यह जिम्मेदारी मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेनी चाहिए। क्योकि आवास व शहरी नियोजन मंत्रालय माननीय मुख्यमंत्री जी के पास ही है।