Tuesday 30 July 2019

पार्किग घोटाला-कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा किया गया गबन

कानपुर- इसे गजब कहे या व्यवस्था का वियोग आदर्श आचार संहिता का गहन अध्ययन करने वाली ब्यूरोकेसी स्वहित के कारण अनापेक्षित आय की सर्वधर्म मान लेती है। उस उक्त उसके नैतिक मूल्य, अवलोकन, व सुविचार सब कुर्तक की गत में विलीन हो जाता है। खैर धर्म किसके लिए लिख रहा हूं नौकरशाही की संवेदना मशीनीकरण के युग में समाहित होती है। यह तब होता है जब उस स्वंय का अनापेक्षित आय का साधन है। आइए एक कुशल कारीगर की नापाक किरकिरी का विश्लेषण करती है।


एक्सप्रेस रोड कानपुर में 2900 मीटर की पार्किग जनहित में व्यवसायिक योजना हेतु बनाई गयी। 300 मीटर पार्किग पढ़ी लिखी योग्य नौकरशाही की चाकरी में चली गयी। 200 मीटर में शुलभ शौचालय वालों ने घाट के देवता (ब्यूराकेट) की चढ़ौती में चढ़ाकर दान करा लिया। अब लगभग 2300 मीटर पार्किग बची व घोटालों की भेट चढ़ गयी। उक्त पार्किग वर्ष 2011 तक केयर टेकर की निजी संपत्ति की तरह किरायेदार बनी रहीलाखो रूपया का नाश्ता पानी -केयर टेकर को देती रही। फिर कुछ सामाजिक दवाब को कारण उसकी नीलामी हो गयी। प्रथा अनुसार हर नीलाम के बाद ठेकेदार को एक साल की जगह डेढ वर्ष माने का अवसर प्रदान किया। वर्तमान केयर टेकर व अभियंत्रण तथा अधिकारीगणों ने एक विचित्र खेल खेला और घोटाला भी कह सकते है। इसे समझने का प्रयास कीजिए।


पार्किग 16 लाख में नीलाम की गयी, ठेकेदार ने कोई नया सिस्टम नही किया अपितु पुराने सिस्टम से वसूली का आदेश दिया- जनवरी 18 में आर्डर ले लिया तब से 20 रू0 की जगह 50 से 70 रू0 कार से वसूली दस्तूर जारी है। मतलब यदि हम 16 लाख को छुटटी घटाकर 250 दिन से भाग कर दे तो 6400 रू0 रोड की आय तथा जनवरी फरवरी मार्च और अप्रैल यानि अब तक 6,40,000 केयर टेकर और ठेकेदार ने मिलकर हजम कर लिया। इसे हमने शुरू से छिपा हुआ क्यो कहा। कयोकि जनवरी में वर्क आर्डर जारी हो गयी और एग्रीमेंट अभी तक नही हुआ। इसका मतलब एग्रीमेंट के बाद से समय होगा आप ऐसे में एग्रीमेंट नही हो जाता तब तक वसूली वाया ऊपर तक शेष ठेकेदार में विभाजन की स्वीकृत बनी हो। किन्तु इस सबके लिए बहाना भी चाहिए। तो दो लाइन का प्रार्थना पत्र को महोदय वहा तो जल निगम की खुदाई चल रही है। इसलिए गाड़ी नही खड़ी हो रही ह। बस इसलिए ठेकेदार ने बोर्ड तक लगाना उचित नही समझा तथा व्यापारियों व आगुन्तकों को नसों में इंजेक्शन लगाकर रक्त पी रहा है। केडिए व ठेकेदार इसे नरकीय घोटालों से कब निजात मिलेगी यह भविष्य की गर्त में है।